There was some derision in the Australian cricketing fraternity that the India dressing room celebrated the Akash Deep shot with which India went past the follow-on margin. Since cricketing perceptions differ from country to country, they didn’t quite understand that the dressing room was elated that now they were going to get another chance to destroy the confidence of the Australian top order. That’s exactly what they did.
Both teams have a batting issue, India more than Australia. With three failures after his magnificent century during which Yashasvi Jaiswal was giving some lip to bowlers, who had taken more than 800 wickets between them, he will have hopefully learnt it’s better to let the bat do the talking. If India can take a leaf out of the approaches of KL Rahul and Steve Smith, they could do justice to their talents and put enough runs on the board for their bowlers.
India’s travails against Travis Head won’t end easily. Their reluctance to try the bouncer tactic as soon as he comes in to bat has been baffling to say the least. Once he has played about 30-odd balls he is nicely settled and goes on his merry way.
There’s been a lot of comment about the lack of runs from the blades of skipper Rohit Sharma, Virat Kohli and Shubman Gill. All are being lured to their doom by persistent bowling around the off-stump. This is where they need to see the way Rahul and Smith built their innings and remember it’s a five-day Test match. India are unlikely to make any change to their line-up, but they will take heart from the fact that they have forced a change in the Australians’. Josh Hazlewood’s absence may not be felt as much with Scott Boland taking his place and playing in front of his home crowd.
Just like the long gap between the Perth Test and Adelaide Test took away the rhythm and momentum India had built, there’s every possibility that the week’s break with the Christmas period in between may not help the Australians. Australia have their noses in front for sure, but India know that if they win this Test, then the Border-Gavaskar Trophy will be back at the Cricket Centre at the Wankhede Stadium.
मेलबोर्न में मुक़ाबला: क्या जसप्रित बुमराह फिर से अपना जादू चला पाएंगे?
पिछले महीने दिवाली थी, हिंदू नव वर्ष जो पूरे भारत में बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। मगर इस साल एक गड़बड़ी की वजह से भारत और न्यूजीलैंड के बीच का तीसरा टेस्ट मैच भी इसी दौरान निर्धारित किया गया था.
भारत वोह टेस्ट मैच तीन दिन में ही हार गया और पहली बार अपने ही घर में पूरी श्रृंखला बुरी तरह हार बैठा.
दिवाली के साथ साथ टेस्ट खेलना टीम इंडिया के लिए बेहद मुश्किल रहा होगा जब वे परिवार और दोस्तों के साथ रहने के लिए उत्सुक होंगे.
मेलबोर्न का टेस्ट बॉक्सिंग डे पर शुरू हो रहा है, यह कई वर्षों से होता आ रहा है और टीम इंडिया उम्मीद कर रहा होगा कि आस्ट्रेलियाई खिलाडी अपने परिवार और प्रियजनों के साथ क्रिसमस बिता ने के बाद थोड़े सुस्त होंगे.
पिछली बार जब भारत चार साल पहले बॉक्सिंग डे पर खेला था, तो ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने उस पिच पर पहले बल्लेबाजी करने का विकल्प चुना था. एडिलेड में मार खाने के बाद यह निर्णय भारत के लिए एक मेहरबानी साबित हुई.
मेलबोर्न के पिच में ज्यादा घास थी, और उसका टीम इंडिया ने पूरा फायदा उठाया.
गेंदबाजों की तुलना में बल्लेबाजों के लिए उत्सव के बाद खेलने के लिए अपना दिमाग लगाना बेहद कठिन होता है. गेंदबाज अपनी गलतियो के बावजूद वापसी कर सकते हैं, लेकिन बल्लेबाजों को ऐसा मौका नहीं मिलता है.
वह तो एक गलती के बाद डग-आउट में ही रह जाते हैं. इसलिए अगर टीम इंडिया टॉस जीतता है तो उसे क्षेत्ररक्षण करके खेल में स्थापित होना होगा. भारत पहले गेंदबाजी करना पसंद करेगा जैसा कि उसने चार साल पहले किया था जब बुमराह ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजो को तहस-नहस कर दिया था.
नाथन मैकस्वीनी को बाहर कर सैम कोनस्टास के लिए जगह बनाने के बाद ऑस्ट्रेलिया की शुरुआती जोड़ी नयी होंगी, और टीम इंडिया को इसका फ़ायदा उठाना होगा.
एडिलेड में जीत के बाद मैकस्वीनी ने कहा था कि वह बुमराह को जवाबी हमला देने के लिए पूरी तरह तैयार थे.
मगर उन्हें मेलबोर्न में यह मौका नहीं मिलेगा और बुमराह से जूझने के लिए कुछ साल और इंतजार करना होगा.
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ब्रिस्बेन के टेस्ट में उस्मान ख्वाजा को उनके 38वें जन्मदिन पर यह भी याद दिलाया गया कि उम्र के साथ बल्लेबाजी करना आसान नहीं होता.
ऐसा तो नहीं की सिडनी टेस्ट के बाद ख्वाजा रविचंद्रन आश्विन की तरह खेल को अलविदा कह दे?
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट जगत ने ब्रिस्बेन टेस्ट में टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम मे आकाशदीप के शॉट के बाद के जश्न का उपहास उड़ाया है.
उस शॉट ने भारत को फॉलो-ऑन से बचाया था, और क्योंकि क्रिकेट की धारणाएँ अलग-अलग देशों में अलग-अलग होती हैं, ऐसा लगता है की ऑस्ट्रेलियाई मीडिया यह न समझ पायी की ड्रेसिंग रूम के उल्हास के पीछे टीम इंडिया की क्या सोच थी.
फॉलो-ओन से बचने के बाद भारतीय गेंदबाजों को ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों पे धावा बोलने का एक और मौका मिला, और उनका निशाना नहीं चूँका.
वैसे तो दोनों टीमों की बल्लेबाजी कुछ दुविधा में है मगर टीम इंडिया पे ज्यादा दबाव है.
पर्थ के शानदार शतक के बाद यशस्वी जयसवाल को तीन असफलताओं का सामना करना पड़ा है. ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ उनके बीच 800 से अधिक विकेट ले चुके है, उनसे बातो में उलझने के बजाय जैस्वाल को अपने बल्ले से उनको मुँहतोर जवाब देना पड़ेगा.
भारतीय बल्लेबाज़ो को केएल राहुल और स्टीव स्मिथ से धैर्य सीखना होगा ताकि वे अपनी प्रतिभा के साथ न्याय कर सके और अपने गेंदबाजों के लिए बोर्ड पर पर्याप्त रन जमा सके.
ट्रैविस हेड ने भारतीय गेंदबाज़ो को अब तक बड़ा परेशान किया है और परेशान करते रहेंंगे.
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क्यों की किसी कारण वश टीम इंडिया हेड का क्रीज़ में स्वागत बाउंसरो से नहीं करती है.
लगभग 30 गेंदें खेलने के बाद, हेड अच्छी तरह से व्यवस्थित हो जाते है और अपने ही धुन में खेलने लग जाते है.कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली और शुभमण गिल के रनों की कमी को लेकर काफी टिप्पणी की गई है। तीनो खिलाडी ऑफ-स्टंप के आसपास लगातार गेंदबाजी की वजह से चूक रहे है.
तीनो को यह याद रखना है की वे टेस्ट मैच खेल रहे है, और टेस्ट मैच पांच दिनों का खेल है.भारत की लाइन अप में कोई बदलाव होने की अपेक्षा तो नहीं है, और उन्हें इस बात से खुशी होगी कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी लाइन-अप को बदलने पे मजबूर कर दिया.
हेज़लवुड की अनुपस्थिति ऑस्ट्रेलिया को कम महसूस होगी क्योंकि स्कॉट बोलैंड उनकी जगह ले रहे हैं और अपने घरेलू दर्शकों के सामने खेल रहे हैं.
जिस तरह पर्थ और एडिलेड के टेस्ट के बीच के लंबे अन्तरकाल ने भारत की लय छीन ली, उसी तरह इस बार क्रिसमस के लम्बे ब्रेक से ऑस्ट्रेलिया को शती पहुंच सकती है.
ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत से आगे है मगर पासा पलटने में ज्यादा वक़्त नहीं लगता, और टीम इंडिया जानता है कि अगर वह बॉक्सिंग डे टेस्ट जीतता है, तो बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी वानखेड़े स्टेडियम के क्रिकेट सेंटर में वापस आ जाएगा.
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